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हमारे जीवन में कम बोलने के बहुत से फायदे होते हैं जिनकी वजह से हम जीवन में काफी सफलता हासिल कर सकते हैं। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कम बोलने के कौन-कौन से फ़ायदे होते हैं जिसे जानने के बाद आप भी इसका लाभ उठा सकते हैं।
दुनिया में कई तरह के लोग होते हैं जिनमे दो तरह के लोग ऐसे होते हैं जो बहुत ही कम बोलते हैं और जो बहुत ही ज्यादा बोलते हैं।कम बोलने वाले लोगो को introvert के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि वे बाकी लोगो की तरह सबसे घुल मिल कर बात नहीं करते और अकेला रहना ही पसंद करते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि कम बोलने वाले लोग सोचते बहुत ज्यादा हैं जिसकी वजह से उनका दिमाग काफी तेज चलता है। वहीँ दूसरी तरफ ज्यादा बोलने वाले लोग अपना सारा दिमाग बोलने में ही इस्तेमाल कर देते हैं जो उनके लिए सही नहीं है क्योंकि वे कभी-कभी वो बात भी बोल जाते हैं जो उन्हें नहीं बोलनी चाहिए। जिसकी वजह से काफी लोग उनका फ़ैदा उठाते हैं जो उनके लिए बिलकुल भी सही नहीं है। इसलिए हमें उतना ही बोलना चाहिए जितना कि जरूरी हो ताकि बोलने के बाद कोई भी इंसान हमारी बात का गलत फायदा ना उठा सके और कम बोलना ही एक समझदार इंसान की पहचान होती है।
कम बोलने का मतलब ये भी होता है कि हमें सोच समझ कर और कम शब्दों में बात करनी चाहिए जिसे सामने वाला इंसान एक ही बार में सुनकर उस बात का मतलब समझ जाए जिससे सबका समय भी बच सके।
आइये जानते हैं कम बोलने के कौन कौन से फ़ायदे होते हैं।
* कम बोलने से हमारा ज्ञान बढ़ता है
यहां पर कम बोलने का मतलब है दूसरे की बात को ज्यादा महत्व देना या आप ये भी कह सकते हैं कि दूसरे की बात को ध्यान से सुनना। जो लोग कम बोलते हैं वे दूसरे की बात को ध्यान से सुनते हैं और उनसे ज्ञान प्राप्त कर पाते हैं जो बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। कहते हैं अगर कोई इंसान हमें मुफ्त में भी ज्ञान दे रहा हो तो खुशी खुशी स्वीकार कर लेना चाहिए क्योंकि लिया हुआ ज्ञान कभी व्यर्थ नहीं जाता। और ये महतवपूर्ण ज्ञान सिर्फ वही प्राप्त कर पाते हैं जो लोग सुनने में विश्वास रखते हैं और कम बोलते हैं। इसलिए जितना हो सके सामने वाले की बात को पहले सुने और उतना ही बोले जितना की जरूरी है ताकि आप अपना ज्ञान बड़ा सकें।
* कम बोलने से लोग आपकी इज्जत करते हैं।
कम बोलने का दूसरा फ़ैदा ये होता है कि लोग आपकी इज़्ज़त करते हैं क्योंकि कम बोलने वाले लोग बहुत ही सोच समझकर बोलते हैं जिससे सामने वाले को उनकी किसी भी बात का बुरा ना लग सके। इसलिए सभी लोग उनसे बात करना पसंद करते हैं और उनकी इज्जत करते हैं। उनके इसी अच्छे व्यवहार के कारण उनका कोई दुश्मन नहीं होता इसलिए कोई उनका बुरा भी नहीं चाहता जिसकी वजह से वे समाज में काफी तरक्की हासिल करते हैं और लोग उनकी इज्जत करते हैं।
कम बोलने वाले लोग अपने काम को एकदम शांति से करना पसंद करते हैं, जिस वजह से उनका सारा ध्यान सिर्फ अपने काम पर ही रहता है। अपने काम को ध्यान से पूरा करने के कारण उनके काम पर तो जैसे मानो चार चांद लग जाते हैं जिसकी वजह से सभी को उनका काम बहुत पसंद आता है और सभी लोग उनकी इज्जत करने लगते हैं। इसलिए सभी को अपने काम पर ध्यान देना चाहिए ताकि कोई भी इंसान उसमें कोई गलती ना निकल सके और सभी आपके काम से खुश हों और आपकी इज्जत करें।
* कम बोलने से रिश्ते मजबूत होते हैं।
कम बोलने से हमें एक फायदा ये भी होता है कि इससे हमारे रिश्ते मजबूत होते हैं। यहां पर कम बोलने का मतलब ये है कि किसी से भी बहस न करना या उल्टा जवाब न देना क्योंकि कभी-कभी रिश्तों में बहस करना या उल्टा जवाब देना रिश्तों में दरार डाल देता है जिससे हमारा रिश्ता खराब हो जाता है।
इसलिए जो लोग कम बोलते हैं वे सामने वाले की बात को अच्छे से सुनते हैं और समझते हैं और वो सब महसूस कर पाते हैं जो तकलीफ सामने वाले को हो रही है। जिसकी वजह से वे बहुत ही सोच समझकर उनकी परेशानी का हल निकाल पाते हैं जो उनके लिए और सामने वाले के लिए बहुत सही रहता है। इससे सामने वाला इंसान हम पर विश्वास करता है जिससे हमारा रिश्ता मजबूत हो जाता है।
रिश्तों में परेशानी के वक्त जो इंसान शांत रहकर दूसरे की बात को समझता है और सभ कुछ अच्छे से संभालता है वहीं इंसान एक बुद्धिमान इंसान कहलाता है और वे सभी के साथ अपना रिश्ता मजबूत रख पता है। इसलिए सभी को रिश्तों में बहस करने के अलावा दूसरे की बात को समझना चाहिए और कम बोलना चाहिए जिससे सामने वाले को बुरा न लगे ताकि सबका रिश्ता मजबूत रहे।
* कम बोलने से पछतावा नहीं होता।
कम बोलने का एक फ़ैदा ये भी होता है कि कम बोलने से हमें किसी भी चीज़ का पछतावा नहीं होता क्योंकि कम बोलने वाले लोग बहुत ही सोच समझ कर और बहुत ही काम शब्दों में अपनी बात बोल जाते हैं जिससे किसी को भी उनकी बात का बुरा नहीं लगता और नाहीं उन्हें इस बात का पछतावा होता है कि उन्होंने कुछ गलत तो नहीं कह दिया जिसके कारण दूसरे को उनकी बात का बुरा लगा हो।
वहीँ दूसरी तरफ ज्यादा बोलने वाले लोग कभी-कभी इतना बोल जाते हैं कि बाद में उन्हें इस बात का पछतावा होता है कि उन्हें ये बात नहीं बोलनी चाहिए थी क्योंकि कभी-कभी वे वो बात भी बोल जाते हैं जिसके कारण दूसरे को उनकी बात का बुरा भी लग सकता है और कभी कभी वे अपने प्राप्त की हुई जानकारी या कोई भी व्यापार जो वो शुरू करना चाहते हैं वे सब दूसरे को बता देते हैं जिसकी वजह से दूसरे उनकी इस चीज का गलत फायदा उठाते हैं जो उनके लिए बिल्कुल भी सही नहीं होता। अपनी इसी गलती के कारण उन्हें बाद में इस बात का बहुत पछतावा होता है क्योंकि वे बाद में अपने उस व्यापार को शुरू नहीं कर पाते। जिसकी वजह से उन्हें बहुत ही नुक्सान हो जाता है। इसलिए जितना हो सके हमें कम से कम बोलना चाहिए ताकि हमें बाद में किसी भी बात का पछतावा न हो।
ऊपर बताए गए सभी फायदों को देखकर अगर आप भी कम से कम और सोच समझकर बात करेंगे तो आप जल्दी ही अपने जीवन में सफलता हासिल कर पाएंगे जिससे लोग भी आपकी काफी इज्जत करेंगे और आपका समाज में भी नाम बढ़ेगा। इसलिए हमेशा सबसे प्यार से बात करें और अपनी जिंदगी खुशी से जिएं।
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